एक पुरानी स्थिति जिसमें अग्न्याशय बहुत कम या बिल्कुल इंसुलिन पैदा नहीं करता है।
यह आमतौर पर किशोरावस्था में प्रकट होता है।
लक्षणों में अधिक प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, भूख, थकान और धुंधली दृष्टि शामिल हैं।
उपचार का लक्ष्य नियमित निगरानी, इंसुलिन थेरेपी, आहार और व्यायाम के माध्यम से रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य बनाए रखना है।