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प्रत्यारोपण प्रौद्योगिकी एवं अनुसंधान

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अग्न्याशय प्रत्यारोपण

अग्न्याशय प्रत्यारोपण एक दाता से प्राप्त स्वस्थ अग्न्याशय को मधुमेह के रोगी में प्रत्यारोपित करने की सर्जरी है। अग्न्याशय प्रत्यारोपण से मरीज को इंसुलिन इंजेक्शन लेना बंद करने का मौका मिलता है।

स्वस्थ अग्न्याशय एक ऐसे दाता से लिया जाता है जिसका मस्तिष्क मृत हो चुका है, लेकिन वह अभी भी जीवन समर्थन पर है। दाता अग्न्याशय का उस रोगी से सावधानीपूर्वक मिलान किया जाना चाहिए जो इसे प्राप्त कर रहा है। स्वस्थ अग्न्याशय को ठंडे घोल में ले जाया जाता है जो अंग को लगभग 20 घंटे तक सुरक्षित रखता है। ऑपरेशन के दौरान मरीज के रोगग्रस्त अग्न्याशय को नहीं हटाया जाता है। दाता अग्न्याशय आमतौर पर रोगी के पेट के दाहिने निचले हिस्से में स्थित होता है। नए अग्न्याशय से रक्त वाहिकाएं रोगी की रक्त वाहिकाओं से जुड़ी होती हैं। दाता ग्रहणी रोगी की आंत या मूत्राशय से जुड़ी होती है। अग्न्याशय प्रत्यारोपण की सर्जरी में लगभग 3 घंटे लगते हैं।

जर्नल हाइलाइट्स

में अनुक्रमित

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