नेत्रगोलक प्रत्यारोपण, रिसेप्टर के लिए आवश्यक नेत्रगोलक का स्थानांतरण है जो क्षतिग्रस्त हो गया है। नेत्रगोलक को दाता और ग्राही जैसे दो व्यक्तियों के बीच परिष्कृत तकनीकों द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है।
मूल विचार सीधा है: डॉक्टर दाता की आंख को प्राप्तकर्ता की आंख की सॉकेट में प्रत्यारोपित करेंगे। आंख की संवहनी प्रणाली को फिर से स्थापित किया जाएगा, साथ ही आंख की मांसपेशियां भी सामान्य गति को सक्षम करेंगी। बड़ी चुनौती - और दो-वर्षीय परियोजना का फोकस - ऑप्टिक तंत्रिका के माध्यम से आंख की न्यूरोनल वायरिंग को मस्तिष्क से दोबारा जोड़ने के लिए प्रभावी तरीके तैयार करना होगा, जिसमें 1 मिलियन से अधिक तंत्रिका कोशिकाएं होती हैं और रेटिना से दृश्य जानकारी प्रसारित करती हैं। नेत्रगोलक प्रत्यारोपण में सबसे बड़ी वैज्ञानिक बाधा यह है कि जब आप ऑप्टिक तंत्रिका को काटते हैं, तो तंत्रिका कोशिकाएं दोबारा विकसित नहीं होती हैं, इसलिए दृष्टि बहाल नहीं की जा सकती है।