खतरा वह कारण है जिसमें पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने की क्षमता होती है। मानव निर्मित खतरों का पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है जो जीवन-चक्र को नुकसान पहुंचाकर पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित करता है। मानव निर्मित खतरे जीवन के लिए खतरा हैं। वाहनों, घरेलू उपभोग और उद्योगों से जीवाश्म ईंधन निकलने से हवा, पानी और मिट्टी प्रदूषित होती है। औद्योगिक उत्सर्जन, वनों की कटाई, शहरीकरण से ग्रीनहाउस गैसें निकलती हैं, जिससे ग्लोबल वार्मिंग, मानसून में देरी, समुद्र का स्तर बढ़ना और प्राकृतिक आपदाएँ होती हैं।